-Dedicated to All my loving Friends-
एक आदत सी हो गयी थी,
College पहुचते ही Lecture room से पहले Canteen में बैठने की,छोटी छोटी बातों पर treat ले-ले कर दोस्तों को लुटने की,
एक आदत सी हो गयी थी,
दोस्त का birthday भूल जाने की,
पर Gift वगैरा तो दूर की बात, पहले Birthday Bumps खिलने की..
Rose day वाले dedications की,
चंद हफ्तों में बनने-बिगढ़ने वाले Relations की,
और लाख कोशिशो बाद भी खाली हाथ लौटे आशिकों के Frustration की,
एक आदत सी हो गयी थी,
रूठे हुए को मनाने की,
और Boredom की हद हो जाएँ तो PJ सुनाने की,
एक आदत सी हो गयी थी,
बदले में professors की डांट खाने की,
और submission वाले दिन Due-date Postpone करवाने की..
एक आदत सी हो गयी थी,
Exam आते ही रात-रात जागने की,
और KT से पीछा छुडाने के लिए घडी से तेज भागने की,
रोज रोज के Results के rumours से कान पक जाते थे,
घरवालों के ताने सुनकर वैसे भी थक जाते थे,
और दिन भर की मौज-मस्ती के बाद 'wallet' और किताबे वैसी ही खाली मिलती थी,
क्यूंकि साssला इन नवाबजादों को है नं,
इक आदत सी हो गयी थी...!!- वि. वि. तळवणेकर