Painting by - Nico- http://www.nicofineart.com/ |
तू अपनी जखम को सहलाता हैं,
और यहाँ कुरेदा वह जाता हैं,
तू किसी बंद घडी सा थम गया है,
और वह लहू की तरह बह जाता हैं
दर्द तेरा भी वही दर्द उसका भी वही है,
फर्क बस इतना है,
तू हर रात मुरझाता है,
और वह हर शाम गुनगुनाता हैं।
कोई ऐंठ नहीं है उसे इस बात की,
आखिर आसमाँ तेरा भी खाली हैं,
आसमाँ उसका भी खाली है।
तेरी संजीदगी निराली है,
और उसकी मुस्कान भी जाली है,
वह बस अपनी ही ज़िद पर अड़ा रहता है. .
अमावस कि रात अँधेरा सांध कर . .
खाली आसमाँ में जा टिमटिमाता हैं|
तू हर रात मुरझाता है,
और वह हर शाम गुनगुनाता हैं ।
-वि. वि. तलवनेकर
Awesome vishal. I loved it.
ReplyDeleteChhaatii teen taaddd mothi jhalyagat vattay :D :D Thankss Bhaawaa ^_^
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