रंग ही रंग है,
रंग की जंग है,
खोटे-खरे, केसर-हरे,
नफरत से भरे,
रंग न्यारे, रंग सारे।
रंग ही रंग है,
रंग से जो तंग है,
सांज-सवेरे, सब से परे,
साथी मेरे, साथी तेरे,
रंग से भरे, सारे के सारे।
रंग ही रंग है,
हर रंग मलंग है,
ना प्यार है, तरंग है,
ना जष्न है, उमंग है,
बस जंग ही जंग है,
रंग ही रंग है।
रंग की जंग है|
-वि. वि. तलवनेकर
No comments:
Post a Comment